04-10-2020
Bhasa Abhyas book pg 45
प्यारे पेड़
सड़क के दोनों ओर फलों के पेड़ हैं। कोई आम का पेड़ है तो कोई जामुन का। कोई अमरूद का तो कोई शहतूत का। इन पेड़ों पर चिड़ियाँ चहकती हैं। गिलहरियाँ इठलाती हैं। कोयल नीम का डाल पर बैठकर मीठी तान सुनाती है। गिलहरियाँ डालियों पर चढ़ती - लुढ़कती हैं। तोते फलों को कुतर-कुतर कर फेंकते हैं। डालों पर चिड़ियों के घोंसले हैं। स्कूल आते-जाते बच्चे इन पेड़ों के फल खाते हैं। यहाँ माली के डंडे का डर नहीं हैं। कुछ शैतान बच्चे तो पेड़ों पर चढ जाते हैं। कुछ पत्थर मारकर फल तोड़ते हैं । कोई बचा बिना धोये ही फल खा लेता है। सब बच्चों को इन पेड़ों से उतना ही प्यार है जितना इन पेड़ों की डालों पर रहनेबाले पंछियों को।
एक दिन बच्चे स्कूल के छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे। उन्होंने देखा , दो लकड़हारे जामुन के एक पेड़ के निचे खड़े थे। चिड़ियों की चूँ-चूँ से आकाश गूँज रहा था। कोयल की दुःख भरी तान से गिलहरियाँ भी फुदक रही थीं । आस - पास के पेड़ों से पंछियों के रोने की आवाज़ें आ रही थीं ।
बच्चों ने जब यह देखा कि कुल्हाड़ियों को चलें के लिए लड़कहारे तैयार हैं तब उन्होंने लकड़हारों से कहा, ' ये पेड़ हमें फल देते हैं , ठंडी छाया देते हैं। बहुत सारे पंछियों का यह डेरा है। इन्हें मत काटो। ' लकड़हारे बोले , ' हम इन्हें काटेंगे। इनकी लकड़ियाँ बाज़ार में बेचेंगे। ' बच्चों ने उन्हें पेड़ों को काटने के लिए बहुत मना किया। लकड़हारे अड़ गए। बच्चे गुस्से से लाल हो गए। बे जामुन के पेड़ के तने से चिपक गए। बच्चे बोले , ' इन पेड़ों को काटने से पहले हमें काटो। ' लकड़हारों की कुल्हाड़ियाँ नीचे झुक गईं। बच्चे बोले , ' हम जान देकर भी इन पेड़ों को बचाएँगे। ' लकड़हारे चुपचाप चल पड़े।
उनके जाते ही कोयल मीठी तान सुनाने लगी। गिलहरियाँ फुदकने लगीं। चिड़ियाँ चहकने लगीं।
बाल दिवस _02
बह बीच-बीच में जामुन कछुए की और भी उछाल देता है। कभी कमीज के बटन खोलता है , कभी बंद कर लेता है। गीदड़ और लोमड़ी मैदान में चुने से निशान बना रहे हैं। खरगोश प्याऊ पर बैठा सब को जल पिला रहा है। चीता गले में लाल रुमाल बांधे नाच रहा है । भालू जलेबी बना रहा है। राजा शेरसिंह पीले जूते पहने हुए है।
शेर को देखकर सब जानबर सिर झुकाकर नमस्कार करते हैं। सब जानबरों के बच्चे शेर को देखकर खड़े होते हैं। शेर के कहने पर सब बैठ जाते हैं। शेर ने कहना शुरू किया - 'ज़िंदगी मिल-जुलकर ऐसे प्यार से गुज़रे तो कितने मजे हैं !' शेर की बात पूरी होते ही तालियाँ बज उठीं। 'अब बाल दिवस शुरू होता है ', हाथी ने कहा। बाल दिवस शुरू होते ही सारा जंगल झूम उठा।
जामुन - blue berry
कमीज - shirt
बटन- button
गीदड़- wolf
लोमड़ी - fox
मैदान - playground
चुने- powder to do rangoli
निशान - mark
प्याऊ- top place under a tree.
रुमाल- handkerchief
बांधे- tie
पीले - yellow
पिला- drink
जूते - shoes
नमस्कार- greetings
बैठ - sit
मिल-जुलकर- together
गुज़रे - happen
झूम- dance and happy environment