Tuesday, November 24, 2020


04-10-2020

  Bhasa Abhyas book pg 45



हमारा देश - भारत
राजधानी - नई दिल्ली
राष्ट्रीय पशु - बाघ
राष्ट्रीय पक्षी - मोर

रानी लक्ष्मी बाई 
भगत सिंह 
चंद्रशेखर आज़ाद 
सुभाष चंद्र बोस
महात्मा गांधी

bhasa abhyasa pg-47
मेहनती
साहसी
आलसी
विदेशी
पंजाबी





10-10-2020
Bhasa Madhuri Pg 34

Monday, August 17, 2020

 

                                           प्यारे पेड़ 

सड़क के दोनों ओर फलों के पेड़ हैं।  कोई आम का पेड़ है तो कोई जामुन का।  कोई अमरूद का तो कोई शहतूत का।  इन पेड़ों पर चिड़ियाँ चहकती हैं।  गिलहरियाँ इठलाती हैं।  कोयल नीम का डाल पर बैठकर मीठी तान सुनाती  है।  गिलहरियाँ डालियों पर चढ़ती - लुढ़कती हैं।  तोते फलों को कुतर-कुतर कर फेंकते हैं।  डालों पर चिड़ियों के घोंसले हैं।  स्कूल आते-जाते बच्चे इन पेड़ों के फल खाते हैं। यहाँ माली के डंडे का डर नहीं हैं।  कुछ शैतान बच्चे तो पेड़ों पर चढ जाते हैं।  कुछ पत्थर मारकर फल तोड़ते हैं । कोई बचा बिना धोये ही फल खा लेता है।  सब बच्चों को इन पेड़ों से उतना ही प्यार है जितना इन पेड़ों की डालों पर रहनेबाले पंछियों को।  




एक दिन बच्चे स्कूल के छुट्टी के बाद घर लौट रहे थे।  उन्होंने देखा , दो लकड़हारे जामुन के एक पेड़ के निचे खड़े थे।  चिड़ियों की चूँ-चूँ से आकाश गूँज रहा था।  कोयल की दुःख भरी तान से गिलहरियाँ भी फुदक रही थीं । आस - पास के पेड़ों से पंछियों के रोने की आवाज़ें आ रही थीं । 

बच्चों ने जब यह देखा कि कुल्हाड़ियों को चलें के लिए लड़कहारे तैयार हैं तब उन्होंने लकड़हारों से कहा, ' ये पेड़ हमें फल देते हैं , ठंडी छाया देते हैं।  बहुत सारे पंछियों का यह डेरा है।  इन्हें मत काटो। ' लकड़हारे बोले , ' हम इन्हें काटेंगे।  इनकी लकड़ियाँ बाज़ार में बेचेंगे। ' बच्चों  ने उन्हें पेड़ों को काटने के लिए बहुत मना किया।  लकड़हारे अड़ गए।  बच्चे गुस्से से लाल हो गए।  बे जामुन के पेड़ के तने से चिपक गए।  बच्चे बोले , ' इन पेड़ों को काटने से पहले हमें काटो। ' लकड़हारों की कुल्हाड़ियाँ नीचे झुक गईं।  बच्चे बोले , ' हम जान देकर भी इन पेड़ों को बचाएँगे। ' लकड़हारे चुपचाप चल पड़े।  

उनके जाते ही कोयल मीठी तान सुनाने लगी।  गिलहरियाँ फुदकने लगीं।  चिड़ियाँ चहकने लगीं।  



Monday, August 10, 2020

bal divas part-2

 

बाल दिवस _02

बह बीच-बीच में जामुन कछुए की और भी उछाल देता है।  कभी कमीज के बटन खोलता है , कभी बंद कर लेता है। गीदड़ और लोमड़ी मैदान में चुने से निशान बना रहे हैं।  खरगोश प्याऊ पर बैठा सब को जल पिला रहा है।  चीता गले में लाल रुमाल बांधे नाच रहा है । भालू जलेबी बना रहा है।  राजा शेरसिंह पीले जूते पहने हुए है। 

शेर को देखकर सब जानबर सिर झुकाकर नमस्कार करते हैं।  सब जानबरों के बच्चे शेर को देखकर खड़े होते हैं।  शेर के कहने पर सब बैठ जाते हैं।  शेर ने कहना शुरू किया - 'ज़िंदगी मिल-जुलकर ऐसे प्यार से गुज़रे तो कितने मजे हैं !'   शेर की बात पूरी होते ही तालियाँ बज उठीं।  'अब बाल दिवस शुरू होता है ', हाथी ने कहा।  बाल दिवस शुरू होते ही सारा जंगल झूम उठा। 



जामुन  - blue berry

 कमीज - shirt

बटन- button

गीदड़- wolf

लोमड़ी - fox

मैदान - playground

चुने- powder to do rangoli

निशान - mark

 प्याऊ- top place under a tree. 

रुमाल- handkerchief

बांधे- tie

पीले - yellow

पिला- drink

 जूते - shoes

नमस्कार- greetings

 बैठ - sit

मिल-जुलकर- together

गुज़रे - happen

झूम- dance and happy environment
















08_10_BAL_DIVAS_01

बाल दिवस _01
आज जंगल में बाल दिवस है।  सब जानबर ज़ोर-शोर से काम में लगे हैं।  छोटे जानबरों की ज़िन्दगी में पहली बार बाल दिवस मनाया जा रहा है।  सारे मैदान को सजाया गया है।  ज़मीन से झाड़ियाँ साफ़ की गई हैं । शेर , चीता, हाथी , जिराफ़, खरगोश , नील गाये, बंदर सब सज-धज कर पधारे हैं।  हाथी दादा आज कुछ ज़्यादा ही मस्त है।  हाथी को मस्ती में झूमते देख नन्हे खरगोश से चुप नहीं रहा गया।  बह बोला, 'हाथी दादा ज़रा संभल के चलो । नहीं तो चीटीं अड़ंगी लगा देगी। ' 
बंदर भी मीठे जामुनों का मज़ा ले रहा है।  




Difficult words
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जंगल  - forest 
बाल- children 
दिवस - day
जानबर - animal
ज़ोर-शोर - rush 
मनाया - celebrate
झाड़ियाँ  - bushes
पधारे - came
नन्हे - small
संभल- carefully 
अड़ंगी - stopping someone